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तिब्बत की रहस्यमय कहानी

 रहस्यों की दुनिया में आपका स्वागत है।यहाँ  आपको ऐसे ऐसे  रहष्यो के बारे में जानने को मिलेगा जिसको  आप ने  कभी सपने में  भी नहीं सोचा होगा। 

*मैंने सुना है, एक बड़ी प्राचीन, तिब्बत में कहानी है।*   


एक व्यक्ति लंबी यात्रा से लौटता है और अपने दोस्त के घर पर रुकता है, तथा कल रात उनके साथ बातचीत के दौरान प्राप्त एक अनोखी वस्तु पर चर्चा करता है। वक्ता अपने दोस्त को लौटने पर एक मूल्यवान वस्तु देने में हिचकिचाता है क्योंकि उन्हें इसके परिणामों के संभावित खतरों का सामना करना पड़ता है।

*मुझे एक ऐसा ताबीज मिल गया है कि तुम उससे तीन आकांक्षायें मांग लो, वे पूरी हो जाती हैं। और मैंने तीन खुद भी मांग कर देख लीं। वे पूरी हो गई हैं और अब मैं पछताता हूं कि मैंने क्यों मांगीं?* 

*मेरे और मित्रों ने भी मांग कर देख लिए हैं, सब छाती पीट रहे हैं, सिर ठोक रहे हैं। सोचा था तुम्हें दूंगा, लेकिन अब मैं डरता हूं, दूं या न दूं।*

मित्र पागल हो गया। उसने कहा, 'क्या कह रहे हो? क्या मुझे नहीं देना चाहिए? ताबीज कहाँ है? अब हम ज़्यादा देर तक इंतज़ार नहीं कर सकते। क्योंकि कौन जाने कल क्या हो जाए?' पत्नी ने बहुत ज़िद की कि वह ताबीज निकाल ले। उसने कहा, 'भाई, मुझे सोचने दो। क्योंकि नतीजा जो भी हो, सब बुरा ही हुआ।' उसके मित्र ने कहा, 'तुमने सही तरीक़े से नहीं माँगा होगा। तुमने ज़रूर ग़लत चीज़ माँगी होगी।'

*_हर आदमी यही सोचता है कि दूसरा गलत मांग रहा है, इसलिए मुश्किल में पड़ा। मैं बिलकुल ठीक मांग लूंगा।_*

वक्ता को यह समझ नहीं आता कि सही चीज़ कैसे माँगी जाए, और दोस्त और पत्नी असहमत होते हैं। वे ताबीज़ पर ज़ोर देते हैं, जिससे दोस्त निराश होकर वहाँ से चला जाता है और सुबह तक वहाँ रहना उसके लिए मुश्किल हो जाता है।
*तिब्बत में दो व्यक्तियों की लंबे समय से इच्छा थी कि उनके घर में कम से कम एक लाख रुपए हों, जो देश में एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। उन्होंने अन्य विकल्पों पर विचार करने से पहले अपनी इस इच्छा को पूरा करने का फैसला किया, और अपनी पहली इच्छा पर ध्यान केंद्रित किया, जो करोड़पति बनना था।


*जैसे ही कोई आकांक्षा मांगोगे, ताबीज हाथ से गिरता था झटक कर। उसका मतलब था कि मांग स्वीकार हो गई। बस, पंद्रह मिनट बाद दरवाजे पर दस्तक पड़ी।*

राजा की सेना में एक लड़का मारा गया और उसे एक लाख रुपए का इनाम दिया गया। उसकी पत्नी ने रोते हुए अपने बेटे को वापस जीवित करने के लिए दूसरी इच्छा मांगी। पिता डर गया, लेकिन पत्नी ने उसे जल्दी से जल्दी माँगने के लिए कहा ताकि उसे दफनाने या उसके शरीर को सड़ने से बचाया जा सके।

पिता और पत्नी को अपने बेटे के ताबीज गिरने के बाद उसके वापस आने की चिंता थी। पंद्रह मिनट बाद, लड़के के कदमों की आवाज़ आई और उसने अपने पिता को आवाज़ लगाई। पिता और पत्नी डर गए, क्योंकि बाहर या खिड़की से कोई दिखाई नहीं दे रहा था। लड़का भूत बनकर लौटा, क्योंकि शव को दफनाया गया था। पत्नी और पति दरवाज़ा खोलने को लेकर चिंतित थे, क्योंकि उन्हें पता था कि अगर लड़का भूत बनकर लौटा, तो वे अपनी हिम्मत खो देंगे।

 पिता ताबीज से एक लड़के को उसके घर से निकालने के लिए कहता है, क्योंकि उसे डर है कि वह उसे हमेशा के लिए परेशान कर देगा। पति आधी रात को अपने दोस्त को ताबीज लौटाता है और उसे सलाह देता है कि इसे संभाल कर रखें और गलती से भी किसी को न दें।

*तुम्हारी पूरी जिंदगी की कथा इस ताबीज की कथा में छिपी है।* 
 *जो तुम मांगते हो वह मिल जाता है। नहीं मिलता है तो तुम परेशान होते हो। मिल जाता है, फिर तुम परेशान होते हो।* 
   *_गरीब दुखी दिखता है, अमीर और भी दुखी दिखता है।_* 

*तुम्हारे पास कुछ है तो तुम रो रहे हो;*
 *तुम्हारे पास कुछ नहीं है तो तुम रो रहे हो।* 
*और मौलिक कारण यह है कि तुम गलत हो।* 
 *इसलिए तुम जो भी चाहते हो, वह गलत ही चाहते हो।*

*_इसलिए समझदार व्यक्ति परमात्मा से यह नहीं कहता कि मेरी प्रार्थना पूरी करना, वह उससे कहता है, 'जो तेरी मर्जी, वह तू पूरी करना।_*

*_क्योंकि हम तो यह भी नहीं जानते, क्या मांगें? हम तो गलत ही मांगेंगे, क्योंकि हम गलत हैं। हमारी तो मांग भी उपद्रव होगी।_*

प्रश्न और उत्तर

तिब्बत का इतिहास क्या है?
मध्य एशिया की उच्च पर्वत श्रेणियों, कुनलुन एवं हिमालय के मध्य स्थित 16000 फुट की ऊँचाई पर स्थित तिब्बत का ऐतिहासिक वृतांत लगभग 7वीं शताब्दी से मिलता है। 8वीं शताब्दी से ही यहाँ बौद्ध धर्म का प्रचार प्रांरभ हुआ। 1013 ई0 में नेपाल से धर्मपाल तथा अन्य बौद्ध विद्वान् तिब्बत गए।
क्या तिब्बत कभी भारत का हिस्सा रहा था?
चीन ने तिब्बत को साल 1951 में अपने नियंत्रण में ले लिया था, जब कि साल 1938 में खींची गई मैकमोहन लाइन के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है। सि‍द्धों की भूमि तिब्बत : तिब्बत प्राचीन काल से ही योगियों और सिद्धों का घर माना जाता रहा है तथा अपने पर्वतीय सौंदर्य के लिए भी यह प्रसिद्ध है।
तिब्बत का दूसरा नाम क्या है?
संस्कृत ग्रन्थों में सम्भवतः इसे ही 'त्रिविष्टप' कहा गया है, जिसका अर्थ है- "वह स्थान जिसके तीन प्रवेश द्वार हैं"। सन 1950 में तिब्बत चीन की साम्राज्यवादी नीति का शिकार हो गया। अब यह चीन का राष्ट्रीय स्वायत्त क्षेत्र है, और इसकी भूमि मुख्य रूप से पठारी है। इसे पारंपरिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है।
तिब्बत के लोग क्या खाते हैं?
त्सम्पा: त्सम्पा तिब्बती लोगों का मुख्य भोजन है। त्सम्पा भुने हुए जौ के आटे और याक के मक्खन से बना आटा है। त्सम्पा बनाने के कई तरीके हैं। मक्खन वाली चाय के साथ परोसा जाने वाला त्सम्पा नमकीन होता है, जबकि दलिया में बनाया जाने वाला त्सम्पा आमतौर पर मीठा होता है।
भारत और तिब्बत की महिलाओं में क्या अंतर है?
उत्तरः तिब्बत की औरतें पर्दा नहीं करती थीं। वे अतिथि का स्वागत-सत्कार भी करती थीं, चाहे घर में कोई पुरुष हो या न हो। तिब्बती औरतें जाति-पाँति, छुआछूत में विश्वास नहीं करती थीं। यही अन्तर भारत और तिब्बत की औरतों में थे.
तिब्बत का राष्ट्रीय धर्म क्या है?
तिब्बत में बौद्ध धर्म 8 वीं शताब्दी ईस्वी के बाद से मुख्य धर्म रहा है। तिब्बत का ऐतिहासिक क्षेत्र (जातीय तिब्बतियों द्वारा बसाया गया क्षेत्र) वर्तमान में चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और आंशिक रूप से चिंगहई और सिचुआन प्रांतों में सम्मिलित है ।
तिब्बत में सबसे खतरनाक जगह कौन सी है?
तिब्बत में डाँडे सबसे खतरनाक जगह हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है.सिर्फ काल्पनिक कहानी समझ कर ही पढ़े .

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